मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

कोलंबस विवाहित होता तो

हास्य-व्यंग्य
“कोलम्बस विवाहित होता तो आज अमेरिका नही होता”
विजय रांगणेकर

कोलम्बस ने अमेरिका की खोज की थी और उसका नाम इतिहास मे दर्ज हो गया था. मेरी भी हमेशा से ये ख्वाईश रही है कि मै भी ऐसा ही कुछ काम कर दिखाऊं कि लोग मेरी (अ)सन्दिग्ध प्रतिभा का लोहा माने.

कुछ ऐसे ही किसी छोटे मोटे देश की खोज का इरादा लिये एक दिन मैं तैय्यार होकर् घर से निकलने लगा. अचरज से पत्नि ने पूछा “इतनी सुबह सुबह कहाँ जा रहे हो? क्या बैंक के काम से जा रहे हो? और कौन जा रहा है साथ में?”
मैने कहा कि नहीं, न मैं बैंक के काम से जा रहा हू न घरेलु काम से बल्कि मेरा एकाध देश खोज निकालने का विचार है उसी लिये जा रहा हू.

“कब तक लौटोगे ? रात का खाना घर पर खाओगे कि नही ? मैंने कहा कि मैं एक ऐतिहासिक और बडे काम से जा रहा हू और तुम मेरा तिलक कर बिदा करने के बजाय फिजूल सवाल पर सवाल कर रही हो.

पत्नी कहने लगी “बिजली का बिल भरना है, चीकु की फीस जमा करने स्कूल जाना है. रेणु का होमवर्क कराना है, गैस बुक करानी है, चक्की से गेहूँ पिसवाकर लाना है. ये सब काम कौन करेगा ? बस से जा रहे हो या टैक्सी से ? किसी छुट्टी के दिन चलते तो मैं भी आपके साथ चलती”.
मैने कहा कि मै कोई पिकनिक पर नही जा रहा हूं. ये बडे खतरे का काम है और मुझे अकेले ही जाना होगा. वह बोली “अकेले तो आप सब्जी लेने भी नही जाते हो. जरूर दोस्तों के साथ कहीं ठिलवई करने जा रहे होगे. आप दोस्त लोग ऐसे अकेले जाने का प्रोग्राम बनाते ही क्यों हो. परिवार सहित घूमने का प्रोग्राम क्यों नही बनाते.”
मैंने कहा कि तुम मुझे गंभीरता से नही ले रही हो, मैं किसी के साथ नही बल्कि अकेला ही जा रहा हू.

तुरंत पत्नि बोली “कई दिनो से मैं देख रही हू कि आप को घर से ज्यादा घर के बाहर अच्छा लगता है और घरेलु कामों से बचने के लिये ही आपने यह खोज वोज का बहाना ढूंढा है. वैसे इस तरह की नौटंकी तो आप पहले भी करते रहे हो पर मुझे समझ में नही आ रहा है कि इस बार ये किसी देश की डिस्कवरी-विसकवरी का भूत आप पर क्यों सवार हो गया.

मुझे आप पर शक है. कुछ दिनों से आप के रंग ढंग भी अलग ही दिख रहे है. घर में मुहँ लटकाए घूमते हो, लेकिन बाहर जाते समय काफी खुश दिखते हो. घर मे अस्तव्यस्त रहते हो लेकिन बाहर बडे बन ठन कर जाते हो. हमेशा गाने गुनगुनाते रह्ते हो. आफिस में परफ्युम लगाकर जाने लगे हो. आफिस से लौटने पर आपके टिफिन बॉक्स मे ऐसी चीजो के अवशेष दिखते है जो मैने दिये ही नही थे. मुझे तो लगता है इस बार आपका कोई दूसरा ही चक्कर है.”
मैंने कहा कि तुम्हारी सभी आशंकाए गलत है मैं बहुत ही महत्वपूर्ण काम से जा रहा हूँ. यदि मैं एकाध देश खोजने मे कामयाब रहा तो तुम्हें मुझ पर गर्व होगा. “आप से अपने मोजे तक तो खोजे नही जाते, नया देश क्या खोजोगे”.
खैर आप मेरी सुनोगे थोडी, एक बार जो दिमाग मे घुस जाय आप कर के ही मानोगे. “अच्छा यह बताओ कि वहाँ क्या अच्छा मिलता है? मेरे लिये वहाँ से क्या लाओगे”. मैने कहा कि मैं किसी पर्यटन स्थल या शॉपिंग मॉल में नही जा रहा हूं. तुम प्रभु चावला जैसे सवाल पर सवाल करना बन्द करो और मुझे अपने मिशन पर निकलने दो.
“अच्छा आपने जाने की ठान ही ली है तो जाओ, कहा सुना माफ करना और फोन करते रहना. अपने बारे मे ज्यादा मुगालते मे मत रहना, कुछ मिलना जाना नही है. जल्दी ही कुछ मिल जाय तो ठीक वरना तुरंत घर लौट आना. काफी काम इकठ्ठा हो जायेंगे तब तक”.
कोलम्बस निश्चित रूप से अविवाहित रहा होगा इसलिये अमेरिका जैसे दूरस्थ देश की खोज कर पाया, अन्यथा किसी विवाहित पुरुष के लिये अमेरिका जैसे देश तो क्या किसी मोहल्ले की खोज करने के लिये भी घर् से निकलना आसान नही है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें